Add To collaction

लेखनी प्रतियोगिता -03-Jun-2022नफरत

नफरतों के नर्क में झुलसने से अच्छा है 
प्यार के सागर में गोता लगा लिया जाये 
नफरतों के बियाबान में भटकने के बजाय 
क्यों न प्यार का एक दीपक जलाया जाये 
नफरत के जख्म बन जाते हैं नासूर याद रखें
क्यों न प्यार का मलहम सिरहाने रखा जाये 

हरिशंकर गोयल "हरि" 
3.6.22 


   24
10 Comments

Seema Priyadarshini sahay

04-Jun-2022 05:56 PM

Jai sri krishna

Reply

Punam verma

04-Jun-2022 09:23 AM

Nice

Reply

Abhinav ji

04-Jun-2022 08:50 AM

Nice👍

Reply